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गाड़ी मालिक का नाम जाने

दोस्तों हमेशा की तरह आज भी हम एक प्रोग्रेसिव और प्रैक्टिकल मोबाइल एप्लीकेशन पर चर्चा करेंगे आज की चर्चा का विषय है मोबाइल एप्लीकेशन mPariwahan दोस्तों इस एप्लीकेशन के जरिए आप किसी भी मोटर वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर यानी की आरसी , कोई भी ड्राइविंग लाइसेंस नंबर देख कर यह जान सकते हैं कि यह किस व्यक्ति विशेष के नाम से है । आप यह भी जान सकते हैं कि यह गाड़ी का मालिक कहां से बिलॉन्ग करता है यानी किसका निवास स्थान क्या है । इसके लिए आपको परिवहन विभाग में इसी तरह के आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है । इस प्रकार बहुत सी दशाएं हो सकती है जिसमें हमें भीड़ भाड़ वाले इलाके में किसी गाड़ी की आरसी नंबर से उसके मालिक का पता करना हो । यदि आप एक अधिवक्ता हैं , न्यायालय में कार्यरत हैं तो आप भी केवल आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी से यह जान सकते हैं कि क्या वस्तुतः वह फोटो कॉपी सही है अथवा नहीं । इस एप्लीकेशन का एक और फायदा यह भी है कि जब जब आप और जिन व्यक्तियों का नाम पता लगाएंगे उन सबका नाम हिस्ट्री में सेव रहता है । आप अपना आरसी व ड्राइविंग लाइसेंस इसमें सेट सकते हैं यानी कि एक बार इसमें डैशबोर्ड म

Human Eye Vs DSLR camera Lens

DSLR CAMERA VS HUMAN EYE 

दोस्तों ये अगर आप एक PHOTOGRAPHER है तो आपके मन ये कभी न कभी ये ख्याल जरुर आया होगा कि HUMAN EYES और  CAMERA  में क्या समानता है और इनमे क्या क्या अंतर है  


आईये जानते है  

दोस्तों हमारे कैमरा में एक SENSOR, SHUTTER , और LENS होता है तो हमारी आँख में भी एक RETINA पलके और CORNEA होता है    जी दोस्तों ये तीनो चीजे एक ही तरह से काम करती है   

कैमरा में कोई भी हमारा ऑब्जेक्ट  LENS से होते हुए SENSOR पे जाती है    उसी प्रकार हमरी आँख में भी ऑब्जेक्ट  CORNEA से होते हुए Retina पे जाता  है   

हमारी आँख का बाहरी  हिस्सा यानि की CORNEA LENS की भांति काम करता है तो अंदरूनी हिस्सा RETINA SENSOR की तरह काम करता है   

तो भी हमारी आँख का लेंस PRIME LENS है या ZOOM LENS 

सबसे पहले तो मै बता दू की हमारी आँख का लेंस एक PRIME LENS है   इसमें Zooming Capacity नही है  जेसे आप 70-300 लेंस में ज़ूम करके देख सकते है    हमारी आँख में आप दूर से घडी की टाइम ज़ूम करके नही देख सकते     इसके लिए आपको चलके पास जाना होगा   

DSLR CAMERA की यही खासियत है    इसमें आप बहुत सरे लेंस CHANGE कर सकते है    जैसी SITUATION है    वेसा लेंस लगा लीजिये    लेकिन अपनी आँखों के लेंस PUSHING BUTTON दबा कर CHANGE नही कर सकते  

जो भगवान्  ने लेंस दिए है वो ही हिफाज़त से रहे तो बढ़िया है दोस्तों और खुदा सबकी आँखों का नूर बचाए रखे  



तो दोस्तों अब आप सोच रहे होंगे की यदि हमारा CORNEA लेंस है तो उसकी SHUTTER SPEED कितनी है  , और उसका APERTURE कितना है ,  और हमारी आँख का CORNEA की FOCAL LENGH  क्या है  , और वो कितने MEGAPIXAL का कैमरा है  

SHUTTER SPEED AND APERTURE


दोस्तों इस विषय पर Scientist ने बहुत से प्रयोग किये है  

दोस्तों जिस तरह से CAMERA में एक SHUTTER होता है   उसी तरह से हमारे आँख की पलके और भोंहे भी हमारे आँख के शटर को खुला बंद करके लाइट को कण्ट्रोल करती है  

चलिए दोस्तों पहले हमारे इन शटर पर ही कुछ प्रयोग कर लेते है  

EXPERIMENT : 1

दोस्तों आप एसा करिए के अपनी आँख के पास अपना कैमरा धीरे धीरे लाये   अब जब आपका PHONE आपकी आँख से दूर होगा तो आपको अपना फ़ोन भी दिखेगा और पीछे की दिवार पर टंगा  कोई केलिन्डर भी  

लेकिन धीरे धीरे जब आप अपना फ़ोन पास लायेंगे तो आपका फ़ोन तो क्लियर नजर आएगा लेकिन पीछे का केलिन्डर Blur हो जायेगा  

तो मिला न Bokeh Effect और हुआ न APERTURE CONTROL  

कैमरा का सिधांत : यदि आपको अच्छा Bokeh Effect लेना है तो कैमरा से ऑब्जेक्ट पास होना चाहिए और बैकग्राउंड ऑब्जेक्ट से ज्यादा दूर  इसी सिधांत ने यह काम किया   

EXPERIMENT : 2

अब आप फ़ोन को यही रखिये और एक कागज में पेन की नोक से छोटा सा छेद बनाकर उसमे से मोबाइल को देखिये और कागज की हटा लीजिये फिर देखिये और फिर हटा लीजिये   जब आप कागज में हुए छेद में से देखेंगे तो जो आपका केलिन्डर blur हो गये था वो और साथ ही आपका मोबाइल दोना ही साफ़ नजर आयेंगे  

तो बढ़ी न आपकी DEPTH OF FEILD ,  हुआ ना  APERTURE CONTROL  

कैमरा का सिधांत : यदि आपको अच्छा DEPTH OF FIELD लेना है और Bokeh Effect कम  लेना है तो कैमरा का शटर कम खोलिए यानि APERTURE कम रखे     इसी सिधांत ने यह काम किया   

EXPERIMENT : 3

दोस्तों अब आप उसी मोबाइल को अपनी आँखों के सामने मूव करे तो मोबाइल पर लिखी कोई इबारत आपको साफ़ नजर नही आएगी   अब आप एसा ही उस अपनी पलके तेजी से झपकते हुए देखे तो आप उस इबारत को पढ़ लेंगे  

तो हुआ न मोमेंट फ्रीज़  , तो दोस्तों बढ़ी न आँखों की  शटर स्पीड ,  अब आया न समझ की क्यों बर्ड फोटो ग्राफी के लिए शटर स्पीड बढ़ा दी जाती है  

तो दोस्तों आँखों की पलके जितने देर खुली रहेंगी वो तो है शटर स्पीड और जितनी कम ज्यादा खुली रहेंगे वो है अपर्चर  , तो करती है न हमारी पलके  SHUTTER का काम  

तो आप सोच रहे होंगे की हमारी आँखों का APERTURE  कितना होता है    दोस्तों इस विषय पर Scientist ने बहुत से प्रयोग किये है और उनका मानना है की  आँख का अपरचर f/3.2 to f/3.5 के बीच माना है  


दोस्तों आँख से तो प्रयोग कर लिए चलो एक दो प्रयोग कैमरा से भी कर लेते है  

प्रयोग 4

दोस्तों आप कैमरा से LONG EXPOSURE  लीजिये यानि SHUTTER बहुत  कम कर दीजिये   एसा करने पर एक फोटो होने में ही 30 सेकंड लगेंगे  यदि आपने SHUTTER SPEED 30 SECOND रखी है । आपको लगेगा यार कैमरा फोटो कर रहा ही या विडियो बना रहा है । लेकिन इससे आप कम प्रकाश वाली अँधेरी जगह की फोटो करके भी देख सकते है । 

लेकिन भाई आप चाहे कितनी देर भी आँख  चोडी करके बैठे रहो जैसा SITUATION  बाहर  है  । भाई वेसा ही दिखेगा ।  एसा low light photography  केवल कैमरा से ही कर सकते है । 


अब रही बात ISO की  । तो दोस्तों SCIENTIST का मानना है की हमारे रेटिना की सेंस्टिविटी कैमरा के ISO से 600 गुना अधिक होती है । अब ये कितनी होती है ये तो कैमरा की टर्म्स के हिसाब से मुझे कही पढने को नही मिला । 

रेटिना  , जी ये हमारी आँख का सेंसर है तो ये FULL FRAME SENSOR  है या CROPPED ? इस पर भी वैज्ञानिको का मानना है की यह लगभग फुल फ्रेम 35mm सेंसर के साइज़ का ही होता है ,  करीब 32mm ।  फर्क सिर्फ इतना है की कैमरा का सेंसर सपाट होता है जबकि हमारे आँख का रेटिना प्याले की तरह गोल ,  जिसका एक एक हिस्सा ,  कॉर्निया यानि के लेंस से बराबर दूरी पर रहता है  , जबकि हमरे कैमरा में एसा नही होता 

तो दोस्तों अब आप ये सोच रहे होंगे की हमारा आँख का कैमरा किस मोड में काम करता है ? तो मैं यहाँ ये भी बता दू की यह हमेशा AUTO MODE  में रहता है । आप थोडा बहुत   अपरचर जरुर अपनी पलके छोटी बड़ी करके कण्ट्रोल कर सकते है  । लेकिन बाकि सारी SETTING हमारी आँख खुद करती है । 


दोस्तों अब आपको सोच रहे होंगे की हमरी आँख के लेंस कितने MM का है ? यानि उसकी FOCAL LENGTH  क्या है ?  तो इसपर अलग अलग शोध में अलग अलग पेरामीटर पर इसे  24 MM बताया गया है । 

लेकिन दोस्तों आप जानते है की आप बड़ा फ्रेम तो देख सकते है । लेकिन उसके प्रत्येक हिस्से को देखने के लिए आपको अपनी आँखों की पुतले घुमानी पड़ेगी । इसलिए कुछ वैज्ञानिक इसे 35MM  से 50MM  के बीच भी मानते है । 

क्योंकि जब हम 24MM के लेंस से फोटो करते है तो लैंडस्केप का प्रत्येक कार्नर साफ़ आते है।  जबकि हमरी आँख को उस पुरे फ्रेम को साफ़ देखने के लिए पुतली घुमानी ही पड़ेगी । इसीलिए EXTERMALY WIDE ANGLE LENS में कभी कभार कार्नर क्लियर नही आते 


दोस्तों  यह भी तो है की कैमरा में एक लेंस होता है , और आँख में दो  । तो हम इन दोनों की मदद से FISH EYE VIEW  लेकर 180 डिग्री तक देख सकते है । भले ही हमारी आँख में दो लेंस हो हमारा दिमाग दोनों फोटो को COMPILE  कर ही दिखाता है 


और यह यह भी बताना ठीक रहेगा की दोस्तों असल में हमारी आँख एक VIDEO CAMERA है । जिसमे NIKON D5300 की तरह AUTO FOCUS PROBLEM  भी नही  आती  , CANON 200D की तरह बढ़िया काम करता है । 

तो आईये दोस्तों अब हम ये भी जान लेते है कि  हमारी आँख का लेंस कितने MEGA PIXAL  का है 

तो दोस्तों कुछ वैज्ञानिको का मानना है कि यह 52 मेगापिक्साल का कैमरा है ।  लेकिन आप यदि एक झलक ही देखोगे तो यह केवल 5 से 15 के बीच ही रिजल्ट देगा 

दोस्तों बस हमारी आँख में एक चीज एक्स्ट्रा है और वो है हमारा दिमाग हमारी  आँख फोटो लेती है  , और उसे दिमाग प्रोसेस करता है  , तो घबराईये नही दोस्तों POST PROCESSING  भी कोई चीज होती है उस पर फिर कभी बात करेंगे । 


LOW SHUTTER SPEED  पर LONG EXPOSURE कर के या HIGH SHUTTER SPEED  पर BIRD PHOTOGRAPHY  करके ये जरुर मन में आएगा की यार आँखों से तो कैमरा ठीक है 

तो इस पर तो मैं बस इतना ही कहूँगा की आँखे है ,  तभी तो DSLR लिया  । न वरना ये किस काम का ???


केसा लगा हमारा आलेख । 

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